सुना हैं गमे उल्फ़त का दौर चला हैं सर्द हवाओं के झोंकों ने फ़िर से शोर किया हैं पतझड़ में गिरे पत्तों ने भी गिला किया हैं वाह! तुने मेरी वफ़ा का क्या सीला दिया हैं ©Pavitra Sutparai Magar #गमे उल्फ़त