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ज़िन्दगी जितनी आसान हमारे लिए है जरूरी नहीं कि, हर

ज़िन्दगी जितनी आसान हमारे लिए है जरूरी नहीं कि, हर किसी के जीवन में सूरज की रोशनी हो और उनमें कोई भी अंधकार ना हो।

वाकयी वो एक बहुत खूबसूरत वाकया था, जिसने अपनी महक से मेरे दिल के बेजान बाग को खूबसूरत रूप से सिंचित किया था।

( एक खूबसूरत वाक़ये को जानने के लिये caption पढ़ें ) 
सुबह के 6 बज चुके थे और मैं अब तक सो रही थी,कुछ 3-4 अलार्म को बंद कर फिर से अपने सपनों में खो ही रही थी,तभी मम्मी ने खिड़की से पर्दा हटाते हुये मुझसे कहा-"क्यूँ आज नहीं जाना क्या कॉलेज? जरा यहाँ आकर देख नये फूल आ गए हैं चम्पा के पेड़ में" 
     "मम्मी क्यों उठाते हो आप ऐसे पर्दे हटा कर!ये सुबह सुबह सूरज की किरणें मुझे उठाये,पसंद नहीं आता" गुस्से भरे लहजे में मैं उत्तर दी।
      मम्मी-"अंधेरे कमरे के बीच ये देर रात तक तेरा low brightness में मोबाइल चलाना बहुत अच्छा लगता है,लेकिन दुनिया के उजाले से बेखबर रहना है तुझे? कब अक्ल आयेगी इस लड़की को, जल्दी तैयार हो आकर नाश्ता कर,वरना तेरी bus छोड़ के चले जायेगी तुझे"
      Ok बोलकर  पूरे 50 minute में ready होने के बाद मैं घर से बाहर निकली और बिल्कुल 7.10 को stop में खड़ी थी। bus आयी और रोज की तरह मैं अपनी window seat में बैठ गयी। earphone को कानों में अच्छी तरह लगाकर favourite playlist on करके बाहर की ओर देखने लग गयी।
    3 stoppage point के बाद एक लड़का मेरे बगल में आकर बैठा, उसके हाथ में एक किताब थी।कोई नया लड़का लग रहा था अपने बस में। खैर मैं तो अपने गानों में busy थी, और वो अपने किताब में।
  दोपहर को कॉलेज से घर वापिस जाते वक़्त फिर से वही लड़का मेरे बगल में आकर बैठ गया। इस बार भी मैं अपने गानों को सुनने में मगन थी। इस तरह वो रोज मेरे बगल में आकर बैठता और मैं रोज अपने गानों में busy रहती। ऐसा करते हुये पूरे 3 हफ़्ते बीत चुके थे।
     एक सुबह हड़बड़ाहट में मैं अपना earphone bag में रखना भूल गयी, और वो लड़का बगल में फिर से आकर बैठा। सुबह तो मैं सोकर सफर पूरा कर ली मगर शाम को मैं ठान ली कि आज तो बिना गाना सुने ही घर जाना है।वो लड़का फिर बगल में आकर बैठा।उसके हाथ में फिर से एक किताब था। मैंने झाँककर देखा तो वो आज basic elements of electrical engineering की किताब थी, आखिरकार मैंने पूछ ही लिया- 3rd sem eee?? उसने yes ma'am कहा। मैंने भी रौब दिखाते हुये कहा, ohh,you are my current juniour. I'm from eee 5th sem. What's your name?
ज़िन्दगी जितनी आसान हमारे लिए है जरूरी नहीं कि, हर किसी के जीवन में सूरज की रोशनी हो और उनमें कोई भी अंधकार ना हो।

वाकयी वो एक बहुत खूबसूरत वाकया था, जिसने अपनी महक से मेरे दिल के बेजान बाग को खूबसूरत रूप से सिंचित किया था।

( एक खूबसूरत वाक़ये को जानने के लिये caption पढ़ें ) 
सुबह के 6 बज चुके थे और मैं अब तक सो रही थी,कुछ 3-4 अलार्म को बंद कर फिर से अपने सपनों में खो ही रही थी,तभी मम्मी ने खिड़की से पर्दा हटाते हुये मुझसे कहा-"क्यूँ आज नहीं जाना क्या कॉलेज? जरा यहाँ आकर देख नये फूल आ गए हैं चम्पा के पेड़ में" 
     "मम्मी क्यों उठाते हो आप ऐसे पर्दे हटा कर!ये सुबह सुबह सूरज की किरणें मुझे उठाये,पसंद नहीं आता" गुस्से भरे लहजे में मैं उत्तर दी।
      मम्मी-"अंधेरे कमरे के बीच ये देर रात तक तेरा low brightness में मोबाइल चलाना बहुत अच्छा लगता है,लेकिन दुनिया के उजाले से बेखबर रहना है तुझे? कब अक्ल आयेगी इस लड़की को, जल्दी तैयार हो आकर नाश्ता कर,वरना तेरी bus छोड़ के चले जायेगी तुझे"
      Ok बोलकर  पूरे 50 minute में ready होने के बाद मैं घर से बाहर निकली और बिल्कुल 7.10 को stop में खड़ी थी। bus आयी और रोज की तरह मैं अपनी window seat में बैठ गयी। earphone को कानों में अच्छी तरह लगाकर favourite playlist on करके बाहर की ओर देखने लग गयी।
    3 stoppage point के बाद एक लड़का मेरे बगल में आकर बैठा, उसके हाथ में एक किताब थी।कोई नया लड़का लग रहा था अपने बस में। खैर मैं तो अपने गानों में busy थी, और वो अपने किताब में।
  दोपहर को कॉलेज से घर वापिस जाते वक़्त फिर से वही लड़का मेरे बगल में आकर बैठ गया। इस बार भी मैं अपने गानों को सुनने में मगन थी। इस तरह वो रोज मेरे बगल में आकर बैठता और मैं रोज अपने गानों में busy रहती। ऐसा करते हुये पूरे 3 हफ़्ते बीत चुके थे।
     एक सुबह हड़बड़ाहट में मैं अपना earphone bag में रखना भूल गयी, और वो लड़का बगल में फिर से आकर बैठा। सुबह तो मैं सोकर सफर पूरा कर ली मगर शाम को मैं ठान ली कि आज तो बिना गाना सुने ही घर जाना है।वो लड़का फिर बगल में आकर बैठा।उसके हाथ में फिर से एक किताब था। मैंने झाँककर देखा तो वो आज basic elements of electrical engineering की किताब थी, आखिरकार मैंने पूछ ही लिया- 3rd sem eee?? उसने yes ma'am कहा। मैंने भी रौब दिखाते हुये कहा, ohh,you are my current juniour. I'm from eee 5th sem. What's your name?

सुबह के 6 बज चुके थे और मैं अब तक सो रही थी,कुछ 3-4 अलार्म को बंद कर फिर से अपने सपनों में खो ही रही थी,तभी मम्मी ने खिड़की से पर्दा हटाते हुये मुझसे कहा-"क्यूँ आज नहीं जाना क्या कॉलेज? जरा यहाँ आकर देख नये फूल आ गए हैं चम्पा के पेड़ में" "मम्मी क्यों उठाते हो आप ऐसे पर्दे हटा कर!ये सुबह सुबह सूरज की किरणें मुझे उठाये,पसंद नहीं आता" गुस्से भरे लहजे में मैं उत्तर दी। मम्मी-"अंधेरे कमरे के बीच ये देर रात तक तेरा low brightness में मोबाइल चलाना बहुत अच्छा लगता है,लेकिन दुनिया के उजाले से बेखबर रहना है तुझे? कब अक्ल आयेगी इस लड़की को, जल्दी तैयार हो आकर नाश्ता कर,वरना तेरी bus छोड़ के चले जायेगी तुझे" Ok बोलकर पूरे 50 minute में ready होने के बाद मैं घर से बाहर निकली और बिल्कुल 7.10 को stop में खड़ी थी। bus आयी और रोज की तरह मैं अपनी window seat में बैठ गयी। earphone को कानों में अच्छी तरह लगाकर favourite playlist on करके बाहर की ओर देखने लग गयी। 3 stoppage point के बाद एक लड़का मेरे बगल में आकर बैठा, उसके हाथ में एक किताब थी।कोई नया लड़का लग रहा था अपने बस में। खैर मैं तो अपने गानों में busy थी, और वो अपने किताब में। दोपहर को कॉलेज से घर वापिस जाते वक़्त फिर से वही लड़का मेरे बगल में आकर बैठ गया। इस बार भी मैं अपने गानों को सुनने में मगन थी। इस तरह वो रोज मेरे बगल में आकर बैठता और मैं रोज अपने गानों में busy रहती। ऐसा करते हुये पूरे 3 हफ़्ते बीत चुके थे। एक सुबह हड़बड़ाहट में मैं अपना earphone bag में रखना भूल गयी, और वो लड़का बगल में फिर से आकर बैठा। सुबह तो मैं सोकर सफर पूरा कर ली मगर शाम को मैं ठान ली कि आज तो बिना गाना सुने ही घर जाना है।वो लड़का फिर बगल में आकर बैठा।उसके हाथ में फिर से एक किताब था। मैंने झाँककर देखा तो वो आज basic elements of electrical engineering की किताब थी, आखिरकार मैंने पूछ ही लिया- 3rd sem eee?? उसने yes ma'am कहा। मैंने भी रौब दिखाते हुये कहा, ohh,you are my current juniour. I'm from eee 5th sem. What's your name? #yqbaba #Collab #yqdidi #yqtales #YourQuoteAndMine #वाक़या