बारिश बारिश की बूंदो को लगातार ... बरसते देखा है .. एक पतंगे को शमा पर जान .. छिड़कते देखा है .. आंसुओं के साथ बहते ..अरमान सिसकते देखा है छुपकर सहते , कुछ न कहते .. रोते चेहरों पर मुस्कान ठहरते देखा है ध्यान से जब देखा तो कुछ टूटे सपने ,कुछ गीली कागज़ की कश्तियाँ ,कुछ नादानियाँ , कुछ शैतानियां ...... दिखी मुझे, जब झाँक के मैंने अपने अंदर देखा है .. बचपन की यादों को पल पल संवरते देखा है बारिश की बूंदों को ..लगातार बरसते देखा है ..... -2 बारिश की बूंदो को लगातार ... बरसते देखा है .. एक पतंगे को शमा पर जान .. छिड़कते देखा है .. आंसुओं के साथ बहते ..अरमान सिसकते देखा है छुपकर सहते , कुछ न कहते .. रोते चेहरों पर मुस्कान ठहरते देखा है