एक इंतज़ार... महोबत। ( Ek Intezaar... Mahobbat ) Nazam Dastan A painful love stroy
एक इंतज़ार... महोबत। मेरी जिंदगी की मेरी पहली नज़्म शायरी में से सबसे पहली नज़्म शायरी है जो ना जाने कब एक दास्तां बन गई। वर्ष 2016 के दौरान जब मेरी प्रथम कविताओं की पुस्तक एहसास प्रकाशित हुई थी। उसी समय 2015 उन अति संवेदनशील कविताओं के साथी मैने कुछ शायरी लिखना भी शुरू कर दिया था। यहाँ मैं आपको बताना चाहूंगा कि एक इंतज़ार...महोबत। मेरी उन शुरुआती नज़्म शायरी में से एक नज़्म शायरी है एक दर्दभरी नज़्म दास्तां है जिसको #nojotovideo