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सफ़र तैवील है, वीरानगी स्याह रात की डराती है अपनी

सफ़र तैवील है, वीरानगी स्याह रात की डराती है
अपनी छाया भी आज साथ अंधेरों का निभाती है 
तेरे आगोश में सो लेने का सिला ये मिला 'शौक'
कुछ यादें हमसफ़र की तरह रौशनी बन जाती है.

©Shiv Narayan Saxena
  #cycle ये सिला मिला . . . . .

#cycle ये सिला मिला . . . . .

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