जब भी रिमझिम सी बारिश की बौछार की आहट मेरे कानो पर पढ़ती है ना,
तो मेरे सूखे अधरों पर तुम्हारे गीले स्पर्श का वो अहसास,
आज भी मुझे तुम पर फना कर देता है।।
वो बूंदो का मासूमियत से मेरे गालो को चूम कर गुज़रना
और धीरे धीरे से मेरे पूरे बदन से लिपट जाना
और फिर अचानक से मेरी आंखों पर बरसना
और दिल में ठंडक का वो अहसास करवाना