उफ तोबा क्या कहे हम तेरी आँखों के काजल से हूई है ये रात काली तेरी सादगी ने लूट लिया हम को बस तेरी हरकी सी मूस्कूराहट पर मर मिटे हण ...... (चाँदनी) ©Sangeeta Verma एक शायरी