लवों पे प्यास और पानी पर पहरा भी चाहिए। मंजिलों के सफ़र में तपता हुआ सहरा भी चाहिए । इक जख्म चाहिए हमें अपने मिजाज़ का। हरा भी चाहिए,और गहरा भी चाहिए । azeem khan # इक जख्म चाहिए हमें अपने मिजाज़ का #