पुरुष तुम महान हो अपनी व्यथा किसी को ना बताते, भावनाओं का समंदर सबसे छुपाते। आँसू उनके दिखने ना पाए, वह कोमल हृदय है जाने क्यों बाहर से कठोर हो जाए। वह भी तो सहता है कुछ अत्याचार, पर कोई ना सुने उसकी पुकार। स्त्री यदि ममत्व का द्योतक, तो पुरुष है पिता का प्यार । स्त्री यदि सहनशीलता की मूरत, तो पुरुष है उसका पूरक। भाई की रक्षा पति का प्रेम, पुरुष के भी तो हैं कई रूप। ना स्त्री कम मायने में किसी से न तो पुरुष दोनों से ही है यह संसार। सृष्टि सम्पूर्ण रूप से प्रकृति नहीं है, इसमें पुरुष तत्व भी उतना ही शामिल है जितनी प्रकृति। सभी पुरुषों को समर्पित मेरी यह रचना #पुरुष #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #गढवालीगर्ल #अनाम #anumika