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एक दिन ऐसी एक रात हुई कुछ जज्बातों की बात हुई उसने

एक दिन ऐसी एक रात हुई
कुछ जज्बातों की बात हुई
उसने था कहा कुछ बोलो ना
ख़ामोश लबों को खोलो ना
क्यों इतना तुम शर्माते हो
ना दिल के राज बताते हो
जो बीत गया वो पीड़ा थी
हर बात से तुमको घृणा थी
क्यों मन मयूर को रोका ना
ख़ुद को तुमने क्यों टोका ना
जब प्रीत छलावा था उसका
जज़्बात दिखावा था उसका
हर बात को था जब जान लिया
फिर झूठ को सच क्यों मान लिया
तेरा ऐसा करना था ठीक नहीं
यह प्यार था कोई पीक नही
पर पीक से फिर भी बच जाते है
पर प्रीत में सब लुट जाते है

©Ankur tiwari #loyalty 
एक दिन ऐसी एक रात हुई
कुछ जज्बातों की बात हुई
उसने था कहा कुछ बोलो ना
ख़ामोश लबों को खोलो ना
क्यों इतना तुम शर्माते हो
ना दिल के राज बताते हो
जो बीत गया वो पीड़ा थी
एक दिन ऐसी एक रात हुई
कुछ जज्बातों की बात हुई
उसने था कहा कुछ बोलो ना
ख़ामोश लबों को खोलो ना
क्यों इतना तुम शर्माते हो
ना दिल के राज बताते हो
जो बीत गया वो पीड़ा थी
हर बात से तुमको घृणा थी
क्यों मन मयूर को रोका ना
ख़ुद को तुमने क्यों टोका ना
जब प्रीत छलावा था उसका
जज़्बात दिखावा था उसका
हर बात को था जब जान लिया
फिर झूठ को सच क्यों मान लिया
तेरा ऐसा करना था ठीक नहीं
यह प्यार था कोई पीक नही
पर पीक से फिर भी बच जाते है
पर प्रीत में सब लुट जाते है

©Ankur tiwari #loyalty 
एक दिन ऐसी एक रात हुई
कुछ जज्बातों की बात हुई
उसने था कहा कुछ बोलो ना
ख़ामोश लबों को खोलो ना
क्यों इतना तुम शर्माते हो
ना दिल के राज बताते हो
जो बीत गया वो पीड़ा थी
ankur2158551459298

Ankur tiwari

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