मुझ पे क्या क्या गुज़री लगी दिल पे चोट गहरी भटकती रही मैं दर बदर ज़माने ने सताया इस कदर अब रहती हूँ तन्हाईयों में तुझ बिन है मेरा बसर किस्मत के सितम सहती जाऊँगी खामोश रहूँगी और बस मुस्कुराऊँगी कौन देखता है कि कोई किस हालत में है! #नहींदेखा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi