बासी होली ताजा रंग, कोई अनंग कोई अंग, रुत कितनी फिर उनमें बसंत - राजा,कथा अनंता,हरि अनंत, कृष्ण शाश्वत, लीला जीवंत, होली सनातन, न इसका अंत। ©BANDHETIYA OFFICIAL #बासी होली। #holihai