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अक्सर आपने एसी तस्वीर कई युवाओं/छात्रों कि t-shirt

अक्सर आपने एसी तस्वीर कई युवाओं/छात्रों कि t-shirt पर देखी होगी पर शायद इसे आप ने महज एक penting मान लिया हो,

 'अर्नेस्तो चे ग्वेरा'
एक ऐसा नाम जो आज भी दुनिया के मजलूमों को हौसला देने के लिए काफी है !
दुनिया में बहोत से लोगों के लिए चे ग्वेरा आज भी प्रेरणास्रोत हैं, एक क्रांतिकारी के रूप में जो स्थान भगत सिंह का भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में है वही स्थान चे ग्वेरा का लैटिन अमेरिका सहित दुनिया के कई महादेशों में है।
14 जून 1928 को अर्जेंटीना में जन्मे चे ग्वेरा की बोलिविया में गिरफ्तारी के एक दिन बाद 9 अक्टूबर, 1967 को हत्या कर दी गई थी। चे ग्वेरा को जब मारा गया उनकी उम्र 39 साल थी। मरते वक्त चे ने हत्यारे बोलिवियाई सार्जेंट टेरान से कहा था-
तुम एक इंसान को मार सकते हो, पर उसके विचारों को नहीं मार सकते।
डॉक्टर से क्रांतिकारी बने चे ग्वेरा क्यूबा की क्रांति के नायक फिदेल कास्त्रो के सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक थे फिदेल और चे ने सिर्फ 100 गुरिल्ला लड़ाकों के साथ मिलकर अमेरिका समर्थित तानाशाह बतिस्ता के शासन को 1959 में उखाड़ फेंका था।

 महान कम्युनिस्ट क्रांतिकारी योद्धा चे ग्वेरा के जन्मदिवस पर क्रांतिकारी लाल सलाम।

 #P2मील #अर्नेस्तो_चे_ग्वेरा'
#एक_नाम_जो_आज_भी_दुनिया_के_मजलूमों_को_हौसला_देने_के_लिए_काफी_है !
अक्सर आपने एसी तस्वीर कई युवाओं/छात्रों कि t-shirt पर देखी होगी पर शायद इसे आप ने महज एक penting मान लिया हो,

 'अर्नेस्तो चे ग्वेरा'
एक ऐसा नाम जो आज भी दुनिया के मजलूमों को हौसला देने के लिए काफी है !
दुनिया में बहोत से लोगों के लिए चे ग्वेरा आज भी प्रेरणास्रोत हैं, एक क्रांतिकारी के रूप में जो स्थान भगत सिंह का भारत और भारतीय उपमहाद्वीप में है वही स्थान चे ग्वेरा का लैटिन अमेरिका सहित दुनिया के कई महादेशों में है।
14 जून 1928 को अर्जेंटीना में जन्मे चे ग्वेरा की बोलिविया में गिरफ्तारी के एक दिन बाद 9 अक्टूबर, 1967 को हत्या कर दी गई थी। चे ग्वेरा को जब मारा गया उनकी उम्र 39 साल थी। मरते वक्त चे ने हत्यारे बोलिवियाई सार्जेंट टेरान से कहा था-
तुम एक इंसान को मार सकते हो, पर उसके विचारों को नहीं मार सकते।
डॉक्टर से क्रांतिकारी बने चे ग्वेरा क्यूबा की क्रांति के नायक फिदेल कास्त्रो के सबसे भरोसेमंद साथियों में से एक थे फिदेल और चे ने सिर्फ 100 गुरिल्ला लड़ाकों के साथ मिलकर अमेरिका समर्थित तानाशाह बतिस्ता के शासन को 1959 में उखाड़ फेंका था।

 महान कम्युनिस्ट क्रांतिकारी योद्धा चे ग्वेरा के जन्मदिवस पर क्रांतिकारी लाल सलाम।

 #P2मील #अर्नेस्तो_चे_ग्वेरा'
#एक_नाम_जो_आज_भी_दुनिया_के_मजलूमों_को_हौसला_देने_के_लिए_काफी_है !