हो रहा शहर वीरान, मौत का मातम है.. जिंदगी ठहर गई है, आज अपने घर में.. कौन है बचा हुआ, कौन मर जाएगा.. जानता कोई नही, कब क्या हो जाएगा.. रुक गई #गति सभी, रुक गए मुक़ाम है.. जिंदगी से है लगाव, जीने की बस चाह है.. #अजय57