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कुछ बदलाव अपने हाथ में होते हैं और कुछ समय के हाथ

कुछ बदलाव अपने हाथ में होते हैं और कुछ समय के हाथ में। जो अपने हाथ में हैं, वो करने चाहिए और बाकी संज्ञा पर छोड़ देना चाहिए। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसीलिए 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भी याद किया जाता है। 
गाँधी जी ने जीवन पर्यंत सत्य-अहिंसा के आदर्शों पर चलते हुए भारत की आज़ादी को सुनिश्चित किया। अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए अदम्य साहस चाहिए। नमन है उन सभी महान आत्माओं को जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान किया ।


बातें तो बहुत सी थी कहने को मगर मैं बहुत छोटा हूँ बोलने के लिए....
और आपके पास भी वक़्त नही होगा मेरी यें बड़ी-बड़ी रचनाएँ पढ़ने का....
तो बस एक छोटी सी कोशिश की आशा है आपका प्यार मिलेगा.....
कुछ बदलाव अपने हाथ में होते हैं और कुछ समय के हाथ में। जो अपने हाथ में हैं, वो करने चाहिए और बाकी संज्ञा पर छोड़ देना चाहिए। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसीलिए 30 जनवरी को शहीद दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भी याद किया जाता है। 
गाँधी जी ने जीवन पर्यंत सत्य-अहिंसा के आदर्शों पर चलते हुए भारत की आज़ादी को सुनिश्चित किया। अहिंसा के रास्ते पर चलने के लिए अदम्य साहस चाहिए। नमन है उन सभी महान आत्माओं को जिन्होंने इस देश के लिए अपने प्राणो का बलिदान किया ।


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anantjain2166

Anant Jain

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