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एक ख्याल उठा मन बोला की लिख दूं पर क्या ख्याल आया

एक ख्याल उठा मन बोला की लिख दूं
पर क्या ख्याल आया ये समझ ना पाया
मन और दिल मेरे व्यवसाय के साक्षी हैं
पर जेब मेरी बर्षो से खाली है,
जिसे मै कभी भर नही पाया..
दिल कहे कही पर नौकरी कर ले
पर मन मे हलचल सी उठे,
और वहां जा नही पाया
क्या अजीब सी कस्मकश है,
है ना.....…..........................
पर ये मन कि बाते किसी को समझा नही पाया..!!

©Shreehari Adhikari369
  #diary मे अल्फाज
#मेरी अपनी कहानी
shreehariadhikar2146

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#diary मे अल्फाज #मेरी अपनी कहानी #कविता

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