Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या फर्क पडता है। आज फिर एक बेटी की जान ले ली।

क्या  फर्क पडता है। 
आज फिर  एक बेटी की जान ले ली।               
 दरंदगी के हाथों फिर लूट गई ,
एक नन्ही कली, 
किसी की बहन,  किसी की बेटी, 
पर  क्या फर्क पड़ता है ,
हमें  एक दिन अफसोस जताँएगे ,
 दुसरे दिन जातिवाद करेगे, 
नेता अफसोस करेगे,  और फिर  हम सब एक दूसरे पर इलजाम लगाएँगे ,
 दुबक कर बैठ जाएंगे, कोई ये कहकर,
कि हमारे धर्म की नहीं  है, 
क्या फर्क  पड़ता है ।
कोख उस माँ की सूनी हुई,उसे फर्क पड़ता है, 
उस नन्ही सी जान की रूह छिन गई, 
पर उसकी आत्मा को फर्क पड़ता है,   कि अब तो रोक लो ये सब, मुझे न्याय दिला दो मुझे धर्म नहीं पता है, 
पर जो पापी है। 
उसे ऐसी सजा दो ,कि फिर किसी बेटी की, मेरे जैसी रूह ना तडपे।
मैने तो अपनो को खो दिया, पर अब। किसी बेटी के साथ मत होने देना, बचा लेना  सब मिलकर, उसे  क्योंकि वो भी मेरी तरह धर्म नहीं  जानती होगी ना। 
khushi kya ferk padta.... my words..
क्या  फर्क पडता है। 
आज फिर  एक बेटी की जान ले ली।               
 दरंदगी के हाथों फिर लूट गई ,
एक नन्ही कली, 
किसी की बहन,  किसी की बेटी, 
पर  क्या फर्क पड़ता है ,
हमें  एक दिन अफसोस जताँएगे ,
 दुसरे दिन जातिवाद करेगे, 
नेता अफसोस करेगे,  और फिर  हम सब एक दूसरे पर इलजाम लगाएँगे ,
 दुबक कर बैठ जाएंगे, कोई ये कहकर,
कि हमारे धर्म की नहीं  है, 
क्या फर्क  पड़ता है ।
कोख उस माँ की सूनी हुई,उसे फर्क पड़ता है, 
उस नन्ही सी जान की रूह छिन गई, 
पर उसकी आत्मा को फर्क पड़ता है,   कि अब तो रोक लो ये सब, मुझे न्याय दिला दो मुझे धर्म नहीं पता है, 
पर जो पापी है। 
उसे ऐसी सजा दो ,कि फिर किसी बेटी की, मेरे जैसी रूह ना तडपे।
मैने तो अपनो को खो दिया, पर अब। किसी बेटी के साथ मत होने देना, बचा लेना  सब मिलकर, उसे  क्योंकि वो भी मेरी तरह धर्म नहीं  जानती होगी ना। 
khushi kya ferk padta.... my words..
khushijoshi1231

Khushi Joshi

New Creator