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#OpenPoetry कितनी तकलीफ तब होती है,कितना दर्द तब ह

#OpenPoetry कितनी तकलीफ तब होती है,कितना दर्द तब होता है  
जब सामने तुम्हारे बेबस इंसान कोई रोता है ll

फिर आकर कोई शख्स उसकी यू उम्मीद जगाता है l
 वो घाव भी उसके धोता है, मरहम भी वो ही लगाता है ll

इस बात का मुझको गर्व है, मुझे ये भी अभिमान है l
वो सख्स पिता हैं मेरे, जो धरती का दूजा भगवान् हैं ll

By. Ragini Singh #OpenPoetry #Nojotopoetry #somelines for my father #supportme #creativegirl
#OpenPoetry कितनी तकलीफ तब होती है,कितना दर्द तब होता है  
जब सामने तुम्हारे बेबस इंसान कोई रोता है ll

फिर आकर कोई शख्स उसकी यू उम्मीद जगाता है l
 वो घाव भी उसके धोता है, मरहम भी वो ही लगाता है ll

इस बात का मुझको गर्व है, मुझे ये भी अभिमान है l
वो सख्स पिता हैं मेरे, जो धरती का दूजा भगवान् हैं ll

By. Ragini Singh #OpenPoetry #Nojotopoetry #somelines for my father #supportme #creativegirl
raginisingh3894

Ragini Singh

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