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कल में उगने के लिए आज ढलना होगा। सैकड़ों जख्म मिले

कल में उगने के लिए आज ढलना होगा।
सैकड़ों जख्म मिले फिर भी उभरना होगा।
लहरों को चीरकर सागर में डूबना होगा ।
एक सही किनारे के लिए सौ बार मुड़ना होगा ।

©Vivek
  #जीवन के लहर में
vivek6381807438979

Vivek

New Creator

#जीवन के लहर में #विचार

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