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जिंदगी एक शतरंज शतरंज की खेल जैसी जिंदगी कभी सिप

जिंदगी एक शतरंज


शतरंज की खेल जैसी जिंदगी
कभी सिपाही ,
कभी वजीर ,
तो कभी बादशाह
सबकी बदलती यहाँ तकदीर
अहंकार में
 क्यों डूबा तू !!!
एक न एक दिन
दिखेगी तुझे भी
तेरी जिंदगी की पारदर्शित तस्वीर ।

©Rakesh Kumar Das
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