ईद आ गयी तो क्या पहनेगें हम, चाँद से कह दो हम अभी तैयार नहीं। रौनकें बाजार की फीकी सी लगती हैं, जबसे गुम हुए अम्मी अब्बा सैलाब में कहीं। मुफलिसी है अब अजहा क्या करे खुदा को, जख्मी जिस्म मजरूह रूह के सिवा कुछ पास नहीं। इनायतें हमें नहीं चाहिए जमाने भर की 'माही', दुआ इतनी कि वतन की फ़िजा में रार सुलगे ना कहीं।। People of Kerala are suffering from floods. Children lost their parents. Plz help for bring smile on innocent faces on holy festival of Eid-ul-adha. #eidmubarak #eiduladha #hindiurdupoetry #bmkbb #nojoto #nojotohindi #nojotourdu #sadpoetry #inspiration #keralafloods #yqmksmahi #hindipoetry #urdupoetry