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भक्त के कांधे पर भगवान विराजे कितनी सुंदर राम लखन

भक्त के कांधे पर भगवान विराजे
कितनी सुंदर राम लखन की जोड़ी साजे
थे निहाल प्रभु पाकर हनुमंत अनुपम
कितनी सुंदर भक्त प्रभु की जोड़ी साजे
जा पहुंचे सुग्रीव समीपे भाई  दौनो
कितनी सुंदर अगवानी की घड़ियां साजे
बाली की मनमानी से मुक्ति दिलवाकर
कितनी सुंदर प्रभु मुख पर मुस्कान है साजे
रहे मानते हनुमान स्वयं को प्रभु दास हमेशा
कितनी सुंदर संतुष्टि के भाव मुख पर हैं साजे

©Rakhee ki kalam se भक्त के कांधे पर भगवान विराजे
कितनी सुंदर राम लखन की जोड़ी साजे
थे निहाल प्रभु पाकर हनुमंत अनुपम
कितनी सुंदर भक्त प्रभु की जोड़ी साजे
जा पहुंचे सुग्रीव समीपे भाई  दौनो
कितनी सुंदर अगवानी की घड़ियां साजे
बाली की मनमानी से मुक्ति दिलवाकर
कितनी सुंदर प्रभु मुख पर मुस्कान है साजे
भक्त के कांधे पर भगवान विराजे
कितनी सुंदर राम लखन की जोड़ी साजे
थे निहाल प्रभु पाकर हनुमंत अनुपम
कितनी सुंदर भक्त प्रभु की जोड़ी साजे
जा पहुंचे सुग्रीव समीपे भाई  दौनो
कितनी सुंदर अगवानी की घड़ियां साजे
बाली की मनमानी से मुक्ति दिलवाकर
कितनी सुंदर प्रभु मुख पर मुस्कान है साजे
रहे मानते हनुमान स्वयं को प्रभु दास हमेशा
कितनी सुंदर संतुष्टि के भाव मुख पर हैं साजे

©Rakhee ki kalam se भक्त के कांधे पर भगवान विराजे
कितनी सुंदर राम लखन की जोड़ी साजे
थे निहाल प्रभु पाकर हनुमंत अनुपम
कितनी सुंदर भक्त प्रभु की जोड़ी साजे
जा पहुंचे सुग्रीव समीपे भाई  दौनो
कितनी सुंदर अगवानी की घड़ियां साजे
बाली की मनमानी से मुक्ति दिलवाकर
कितनी सुंदर प्रभु मुख पर मुस्कान है साजे