कुछ बिखरी तो कुछ संवर गई, उम्र सारी यूं ही गुजर गई, इसी इज्तिराब में हर एक पहर गई, जी तो रहे हैं पर ज़िन्दगी किधर गई.... #उम्र_गुजर_गई #जिंदगी_किधर_गई #इज्तिराब(बेचैनी) #शायर_ए_बदनाम