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काग़ज़ की कश्ती थीं चार सवारी थे, मुकद्दर की आस न

काग़ज़ की कश्ती थीं
चार सवारी थे,
मुकद्दर की आस न थी
पर हम भी जुआरी थे।

 #Poetry
#Humour
#Movie
#humour_but_true
काग़ज़ की कश्ती थीं
चार सवारी थे,
मुकद्दर की आस न थी
पर हम भी जुआरी थे।

 #Poetry
#Humour
#Movie
#humour_but_true