कहने को तो किसान के बहुत सारे नाम है, वे कृषक, हलधर, भूमिपुत्र, अन्नदाता होते है। सुना है! वो अपने खेतों मे सोना उगाते हैं, फिर न जाने क्यु अपने बहुमूल्य सोने का कम दाम पाते हैं। हँसकर मौसम का कहर सह जाते हैं, भूखे-प्यासे अपने खेतों मे रह जाते हैं। किसान! सबके लिए फसल उगाते हैं, फिर क्यु खुद एक एक दाने के लिए रोते हैं। जब वो अपने हक़ की लडाई लड़ते हैं, तो फिर क्यु सब अपनी अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकते हैं। मैंने सुना है! किसान सियासत मे अहम होते हैं, फिर लगा ये सारे कुछ पल के वहम होते हैं। किसान! क्षण-प्रतिक्षण कर्ज मे डूबते जाते हैं, फिर एक दिन फंदे से झूल जाते हैं। स्वरचित(सचिन) 💐 ©Sachin Singh #poemonfarmers #nojotohindi #nojotoenglish #kavita #farmers #nojoto #SunSet