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बेटी अपने भोली बिटिया को हमने, बड

                बेटी
अपने भोली बिटिया को हमने,
 बड़े जतन से पाला है।
सबके बीच रही है जैसे, 
रहती राज दुलारी है।
जब से यह आई है हम सबका,
नित जीवन खुशहाल हुआ। 
इसकी मुक्त हँसी के कारण,
मन में नहीं विषाद हुआ।
आँखों की ज्योति है बेटी,
सुख-दुख की साथी।
स्वस्थ रहे, स्वर्णिम भविष्य हो,
एक माँ की यही दुआ है।

©shashi kala mahto
  Dr B N Mahto डॉ मनोज सिंह#बेटी