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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 48) में आपका

White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 48) में आपका स्वागत है!

कर्मचारी वहां पहुंच कर देखता है, शिखा की कही हुई बातें  ठीक थी!नंदू का बदन गर्म था,ज्यादा थकान होने के कारण बुखार आ गया था!कर्मचारी नंदू के सर पर हाथ रखते हुए,नंदू उठो चलो मेरे साथ तुम्हारा तबीयत ठीक नहीं है,यहां तुम्हें कौन देखभाल करेगा,नंदू कर्मचारी के क्वार्टर पर पहुंचता है ! खाना पीना खाने के बाद, वहीं पे सो जाता है!
रात भर बाप बेटी मिलकर नंदू का खूब सेवा करता है,सुबह''नंदू का तबीयत मे पहले के अपेक्षा  काफी सुधार नजर आता है!नंदू सुबह का चाय नाश्ता वहीं करता है!
कर्मचारी--नंदू आज ड्यूटी मत जाना !
नंदू--जी...!
कर्मचारी रोज की तरह ड्यूटी के लिए तैयार होता है और चला जाता है!
नंदू भी कुछ देर रुक कर, अपने क्वार्टर पे चला आता है!
आते ही वह फिर से अपने खाट पर लेट जाता है!
दिन के ग्यारह बज चुके थे, ,लेकिन वह उठने का नाम ही नहीं ले रहा था!
मालूम नहीं उसे  कौन सा बीमारी लगा था!
समझना मुश्किल हो रहा है!

©writer Ramu kumar
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