है मेरे प्राणप्रिय, मुझे बता, तू अपनी भेड़- बकरियाँ कहाँ चराता है, दोपहर को तू उन्हें कहाँ बैठाता है; मैं क्यो तेरे संगियों की भेड़-बकरियों के पास घूँघट काढ़े हुए भटकती फिरूँ ? #प्यासामन