हजारों रंग है जिन्दगी के, कौनसा रंग तुम्हें दे दूँ, हजारों खव्वहीशें है दिल की, कौनसी दुआ तुम्हें समझूँ, जो कह दो तुमको मुझसे, मोहब्बत हो गयी है, तो हर एक पल जिन्दगी का, तुम्हारे नाम मैं करदूँ ।। वाे हुई थी रूबरू मुझसे, मौत देखी थी मैंने, विचार आया था तब, किया क्या है जिन्दगी मे मैंने, कोई भोली सीरत की, दिल तोड़ने वाली मिली ही नही है मुझको, किसी से टुट कर मोहब्बत की ही नहीं है मैंने। जिन्दगी को जीने को, एक डगर चाहिए, उस डगर पे साथ चलने को, एक हमसफर चाहिए, साथ हों विश्वास हो, खुशी या गम हो हम तुम सदा साथ हों, तो जरूरतन है की, वो हमसफर दिलबर होना चाहिए।। Gumnam Gazal......... #RDV18 by Sourabh Verma