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वो उगता सा सूरज और निकलता सा चांद। रंग सिंदूरी एकस

वो उगता सा सूरज और निकलता सा चांद।
रंग सिंदूरी एकसा, मगर अलग है दोनों की पहचान।
एक जलता है आग में तो‌, दूजा शीतल नीर समान।
एक मेरी आंखों का तारा तो दूजा मन में प्रीत का जलता चिराग।
-बाईसा राज नेहा पंड्या #SunMoon
वो उगता सा सूरज और निकलता सा चांद।
रंग सिंदूरी एकसा, मगर अलग है दोनों की पहचान।
एक जलता है आग में तो‌, दूजा शीतल नीर समान।
एक मेरी आंखों का तारा तो दूजा मन में प्रीत का जलता चिराग।
-बाईसा राज नेहा पंड्या #SunMoon