इस तरह शाम घिर के आती है जिस तरह तू खड़ी शरमाती है जब अंधेरे - उजाले मिलते हैं तब हवा मस्त हो के गाती है आसमानी सितारे सजते हैं चाँदनी चाँद की मुस्काती है Es Tarah Shaam Ghir Ke Aati Hai Jis Tarah Tu Khadi Sharmati Hai Jab Andhere Ujaale Milte Hai Tab Hawa Mast Ho Ke Gaati Hai Aasmani Sitare Sajte Hai Chandani Chand Ki Muskaati Hai -Ashraf Fani Kabir इस तरह शाम घिर के आती है जिस तरह तू खड़ी शरमाती है जब अंधेरे - उजाले मिलते हैं तब हवा मस्त हो के गाती है आसमानी सितारे सजते हैं चाँदनी चाँद की मुस्काती है