समय कि बारिश तेरे इश्क़ के दिये को बुझा ना सकी। तुझे भुलाने की हर कोशिश की करी.. पर तेरी याद दिमाग से जा ना सकी। ज़िंदा लाश बन चुका हूं.. अब जाऊं तो जाऊं कहा। इस बदनसीब की किस्मत तो देखो.. चाहा तो खूब पर मौत मुझे गले लगा ना सकी। समय की बारिश तेरे इश्क़ के दीये को बुझा ना सकी। -Mr_SrB😎 #Love #Shayri #Dard