ये आँखें तेरी जैसे "त्रिवेणी घाट" सी, आ "संगम" मे डुबकी लगा सारे पाप धो लू मैं; मिल जाए गर मुझे तेरा साथ, एकल ही "अरैल" पार कर लू मैं; 'अलोपीबाग' की मिट्टी पर बन जाना तू "अलोपशंकरी" तेरे चरणों का स्पर्श पा, पत्थर से इंसान बन लू मैं; तू सुकून पाए जहाँ हर शाम, वो "चन्द्रशेखर आजाद पार्क" बन लू मैं; तू "अरैल रोड" सी शांत, "परेड मैदान" का हलचल बन लू मैं; तू "माँ ललिता" की आरती सी मधुर, "अकबर किले" सा एकांत बन लू मैं; बन जाना तू कभी "चौक" की भीड़, "घंटाघर" की पहचान बन लू मैं; कह जाना "निराला" की चटपटे चाट सी बातें, जिसमे "नेतराम" की मिठास ढूँढ लू मैं; इश्क तेरा "प्रयागराज" सा पाक, जिसे पाकर अपना सौभाग्य समझ लू मैं ।। #nojoto #prayagraj