#दिल खाल और हड्डी से बनी जेल में कैद दिल। ये कैद है कुछ इस तरह जैसे कोई शिशु गर्भ में हो। बस इतना ही फ़र्क है कि शिशु की आज़ादी निश्चित है और इसकी अनिश्चित। निरंतर इससे आ रही कंपन की आवाज़ मानो आज़ादी की गुहार लगा रही हो परंतु स्वार्थी मानव को यह पता है कि उसके बग़ैर उसका अस्तित्व ही नहीं इसी वजह से वो इसे कभी आज़ाद नहीं करता। #दिल पर #ख़याल #शायरी #हिंदी #उर्दू