बहुत पढ़ा लिखा वो इक अनपढ़ मेरी आँखों का ककहरा भी न पढ़ पाया था वो तो कहता था तेरे गीत का मैं किस्सा हूँ जिसको इक शब्द भी समझ में नहीं आया था ©Prachi Mishra बहुत पढ़ा लिखा वो इक अनपढ़ मेरी आँखों का ककहरा भी न पढ़ पाया था वो तो कहता था तेरे गीत का मैं किस्सा हूँ जिसको इक शब्द भी समझ में नहीं आया था #poetessprachimishra #poetessprachimishra #prachimishra #प्राचीमिश्रा