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सोच समझ कर बोलता हूं उसे डर ही बहुत लगता है हर बात

सोच समझ कर बोलता हूं उसे
डर ही बहुत लगता है
हर बात पर गुस्से में लगती है
पता नहीं कब गुस्से में आ जाए
गुस्सा इतना तेज है कि मेरी 
बोलती बंद हो जाए

©Rajesh Khanna सोच समझकर
सोच समझ कर बोलता हूं उसे
डर ही बहुत लगता है
हर बात पर गुस्से में लगती है
पता नहीं कब गुस्से में आ जाए
गुस्सा इतना तेज है कि मेरी 
बोलती बंद हो जाए

©Rajesh Khanna सोच समझकर

सोच समझकर #Shayari