#bawraspoetry उन आरजुओं की औकात क्या जो अपनों में दखल करे ऐसी हजारों ख्वाहिशें कुर्बान हैं इक रिश्ते के लिये!! ये जो मेरा दिल है प्रेम का दरिया है घर इसमें बनाओगे तो डूब जाओगे