सोचते सोचते,दिन गुजर जायेंगें, हम,पता नही फिर कब आयेंगे। सोचते सोचते ये पहर जायेंगे, हम,क्या पता कब कहां ठहर जायेंगे। सोचते सोचते ख्वाब रह जायेंगे, हम,ख्वाईशें वो आखिरी कह जायेंगे। सोचते सोचते ये कह न पाएंगे, हम,तुम्हारे बिना अब न रह पाएंगे। ©Anand Prakash Nautiyal #सोचते#सोचते