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इक चादर ओढ़ रक्खी है मैंने, इस पहर की ठण्ड में...

इक चादर ओढ़ रक्खी है मैंने,
इस पहर की ठण्ड में...

वो दिन भी क्या खूब गुज़रे,
जब कुनकुनी धूप की तमस 
हुआ करती थी,
तुम्हारे पहलु में...

©Ramesh Sharma
  तुम जी...

तुम जी... #Quotes

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