आँखों के आगे रहो, पर ना कोई बात कहो आँखों के इशारों से ही दिल के ज़ज्बात कहो चूम कर मेरे गालों को अपने भीगे होंठो से तुम मेरे गालों पर बनकर एक बरसात रहो बाहों को अपनी, मेरी बेताब बाहों मे डाल कर बाहों से खींच कर मुझे पास, प्रेम की डाल पर चाँद की पिघलती हुई चाँदनी मे भीग कर चलो झूमे अब हम रात की बहकती ताल पर ये होश, ये जोश, यहाँ दोनों बेकरार है ये होश अब मदहोश होने को तैयार है आसमान मे फैली अँधेरी चादर के तले दो रूहो से जिस्म मिलने को बेकरार है ©Sumit Sehrawat #Seating