सलाम करना आते जाते लोगों को यह अच्छे अखलाक की निशानी है मुसाफा करने से खालिस क्या होगा दिल से मुलाकात भी होना ज़रूरी है Salaam Karna Aate Jaate Logon Ko Yeh Acche Akhlaaq Ki Nishaani Hai