Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक वक़्त था जब तेरी दी हुई हर कसम मंजूर थी मुझे, व

एक वक़्त था जब तेरी दी हुई हर कसम मंजूर थी मुझे,

विज्ञापन

अब तो तू खुद-ब-खुद कसम बन चला आये,
तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।।
एक वक़्त था जब तुझे हँसाना मकसद था मेरा,
अब तो तू चाहे हर पहर रो -रो कर गुज़ारे तो,

एक वक़्त था जब तेरी दी हुई हर कसम मंजूर थी मुझे, विज्ञापन अब तो तू खुद-ब-खुद कसम बन चला आये, तो मुझे फर्क नहीं पड़ता।। एक वक़्त था जब तुझे हँसाना मकसद था मेरा, अब तो तू चाहे हर पहर रो -रो कर गुज़ारे तो,

66 Views