न जाने क्यों अपने आप से शायद डर गए थे हम अपने इन हालात से एक चोट सी थी इस ज़हन में दिल में भी था खौफ सा जल जाएगी हस्ती हमारी तानों के इस आग में फिर याद आया कौन अबतक जी सका घुट कर यहां स्वणृ है निखरा हमेशा अग्नि के ही ताप में...।। छुपते फिरते रहे आख़िर किस से... #छुपतेरहे #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi