तू किसी रेल सी गुज़रती है औऱ मैं किसी पुल सा थरथराता हू तू मेरे ख्वाब की है झलकी औऱ मैं उसे सुबह उठ कर उसे पूरा करने को तरस जाता हू ।। #dushyantkumar #secondquote #Nojoto