तावड़े रो तावों है, पसीनो भी घणौ आवे है। फेर भी बें जावें है, तावडियों सिकावे है। घर चलाणे जावे है, फल-सब्जी रा गाड़ा बे लगावे है। मज़दूरी करणे जावे है, ऊपर तावडियों चिलकावे है। शरीर कालों पड़ जावें है,कमर भी झुक जावें है। फेर भी आरो मनोबल झुक ना पावें है। जद ऐ सिगला घर जावें है, टाबरिया बिलखावे है। बापू काई लावै है, जद टाबरियाँ खाणो खावे है। चलावे बापू टैक्सी, चलावे बापू रेहड़ी है। धूप सु टकरावे है,धूप ने ठेंगो दिखावै है। बापु सोचे करलूँ थोड़ो घणौ काम, टाबरियाँ तो दुख ना पावै, मैं तो तावडियों सिकावुं, टाबरियाँ ने तो कूलर लाँवु। जिसो मै बण्यो ,बिसो टाबरिया ने तो ना बणावुं, बे तो सोरा रेवे, बाणे तो चोखा दिन दिखान्वु। #तावड़े_रो_तावों #father #पिता #Life #समर्पण #जीवन #marvadi #RAJASTHANI #राजस्थानी