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चलो जी आज एक किस्सा सुनाते हैं सुनना जरा गौर से इश

चलो जी आज एक किस्सा सुनाते हैं सुनना जरा गौर से
इश्क़ किआ था उससे पर उसे इल्म न था
मोहब्बत इतनी जालिम थी 
की उसे रन्ज ना था
न वो तक़दीर हमारी थी 
न वो तस्बीर हमारी थी
हमारी थी तो वो भूल जाने की बीमारी थी 
न डर था न खोफ था 
न वो शख्स था 
जिसकी खातिर लिखा ये अफसाना था
।।।

©aditi the writer
  #Afsana  Niaz (Harf) आगाज़ shraddha.meera Raj Sabri Sadaa Baloch ,,,,,,,!!!