जिस नज़र से देखा करता था तुझें मैं, वो नज़र तुझें ही नज़र कर आया हूँ मैं, अब क्यूँ हैरानी रखती हो लहज़े में मेरे, तेरे सभी फैसलों को मान आया हूँ मैं, जानता हूँ अब नहीं मिलेगा फिर मुझें, तेरे ख़ातिर एक ख़त छोड़ आया हूँ मैं, लिखी थी याद में शब-ओ-सहर तुम्हारे, वो ग़ज़ले पुरानी अधूरी छोड़ आया हूँ मैं, क़िरदार अब वो जूठा सा लगता है 'कुमार' वो क़िस्से क़िताब के बन्द कर आया हूँ मैं, —Kumar✍️ ©Kumar #नोजोटोहिंडी #तुझें_नज़र #ग़ज़ल #Nojotowriter #kumarsonu Minakshi goyal indira Gayatri Zade Deepti Shivangi