ये परवाज़ो के झुण्ड, मैरी उड़ान पुछते है ये हौसलों के तीनके ,मैरा मकान पुछते है ये हवा में उड़ते धागे ,मैरे पर कांटते है मैरे गिरने पर मुझसे मेरा निशान पुछते है #परवाज़ #nojotohindi