अब सारी गजले मुझे मेरी सी लगती है शायद वाकिफ है मुझसे इस कदर की अपनी सी लगती हैं याद आते है अक्सर वो लम्हे जब मेरी नजरों ने पहली नजर तुम्हे देखा था ना जाने क्यों वो चेहरा मेरी नज़रों में अभी तक ठेहरा सा है अक्सर सोचा करती हूं इस भीड़ में भी ये अकेलापन केसा है रोती नहीं हूं अब लेकिन अब मुस्कुरहटों से भी कोई वास्ता ना रहा है हर पल जैसे अब चुभने सा लगा है शिकायत या शिकवे किसी और से नहीं बस खुद से ही है ना जाने क्यों ये दिल फिर से टूटने सा लगा हैं #लम्हें#@thekhushidhangar# Atul Chaudhary_💔dile bezuban