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अब सारी गजले मुझे मेरी सी लगती है शायद वाकिफ है मु

अब सारी गजले मुझे मेरी सी लगती है
शायद वाकिफ है मुझसे इस कदर की अपनी सी लगती हैं  
याद आते है अक्सर वो लम्हे जब मेरी नजरों ने पहली नजर तुम्हे देखा था 
ना जाने क्यों वो चेहरा मेरी नज़रों में अभी तक ठेहरा सा है
अक्सर सोचा करती हूं इस भीड़ में भी ये अकेलापन केसा है 
रोती नहीं हूं अब लेकिन अब मुस्कुरहटों से भी कोई 
वास्ता ना रहा है 
हर पल जैसे अब चुभने सा लगा है 
शिकायत या शिकवे किसी और से नहीं बस खुद से ही है
ना जाने क्यों ये दिल फिर से टूटने सा लगा हैं
 #लम्हें#@thekhushidhangar# Atul Chaudhary_💔dile bezuban Prateek Kumar
अब सारी गजले मुझे मेरी सी लगती है
शायद वाकिफ है मुझसे इस कदर की अपनी सी लगती हैं  
याद आते है अक्सर वो लम्हे जब मेरी नजरों ने पहली नजर तुम्हे देखा था 
ना जाने क्यों वो चेहरा मेरी नज़रों में अभी तक ठेहरा सा है
अक्सर सोचा करती हूं इस भीड़ में भी ये अकेलापन केसा है 
रोती नहीं हूं अब लेकिन अब मुस्कुरहटों से भी कोई 
वास्ता ना रहा है 
हर पल जैसे अब चुभने सा लगा है 
शिकायत या शिकवे किसी और से नहीं बस खुद से ही है
ना जाने क्यों ये दिल फिर से टूटने सा लगा हैं
 #लम्हें#@thekhushidhangar# Atul Chaudhary_💔dile bezuban Prateek Kumar