इश्क को किसी पिंज़रे सा बना रखा था तुमने, जिसका मुल्ज़िम हर वक़्त मै ही ठहरा । एक रात तुम बंदिशे लगाना भूल गयीं, ऊँचे से किसी पेड़ की डाल पर जा बैठा । © Prem kumar gautam #Nature #lovesayri Astha gangwar ©